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दिवाली के लिए तैयार हो रहा लाई व चिवड़ा

धान के लावा से होगी लक्ष्मी जी की पूजा

प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। दीपावली का पर्व आने में अब चन्द रोज ही बाकी रह गए है। उधर लोग त्योहार की तैयारी में जुटे है। हालांकि महंगाई भले ही अपनी तपिश से लोगो को झुलसा रही है। इसके बावजूद धान की फसल समय से तैयार हो जाने के कारण लोगो को अधिक दिक्कत नहीं होगी। इस बार प्रसाद के लिए उन्हे बाजार से लाई, चिवड़ा, लावा आदि कम ही खरीदना पड़ेगा। इस समय महंगाई के कारण लोग जहां त्रस्त है। वही कोरोना महामारी ने पहले ही लोगो की कमर तोड़ दिया है। हालांकि दिवाली में ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को महंगाई अधिक परेशान नहीं कर पाएगी। इसका कारण यह है कि धान की फसल समय से तैयार हो गई है। साथ ही उसकी कटाई भी जोरो पर चल रही है। लोगो को प्रसाद के लिए लाई, चिवड़ा, लावा आदि महंगे दाम में खरीदना पड़ता है। इस बार यह सामान किसानो के घर में ही उपलब्ध हो जाएगी। दर असल धान की कटाई के समय निकाला गया धान लाई एवं चिवड़ा के लिए मुफीद होता है। यही नहीं कही कही तो धान से चिवड़ा भी बदल लिया जाता है। यही हाल लाई का भी है। यह भी दीवाली के पहले ही लोगो को तैयार होकर मिल जाएगी। इसके अलावा लक्ष्मी जी के प्रसाद के लिए उपयोग होने वाला धान का लावा भी लोगो को उपलब्ध होगा। वही कुछ गांवो में अभी भी पुराना परम्पराएं प्रचलित है। इसमें से एक अनाज के बदले सामान लेने की प्रथा है। दीवाली पर इसका खूब उपयोग होता है। धान का समय होने के कारण अक्सर लोग दियाली लेकर कुम्हारो को धान देते है। कुम्हार भी दियाली, कोसा, परई, कलश, घण्टी के साथ ही बच्चो को खिलौने मुफ्त में देते है। फसल न आने पर किसानो को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वही इस साल फसल आने के कारण उन्हे इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 

 

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