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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी मतदाताओ से रिश्ते बनाने में जुटे उम्मीदवार

प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया सम्पन्न होने के साथ ही चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। चुनावी संग्राम में भाग लेने वाले उम्मीदवार मतदाताओं से रिश्ते बनाने में जुट गए है। इस समय गांवो में सुनने को मिल रहा है कि भइया राम, राम, काका पायलागी, चाची घर मा सब ठीक है ना, कौनो परेशानी होय तौ हमका बतावा, चच्चा सलाम और सब खैरियत है ना, किधर का रूख किए है सुबह सुबह, कोई दिक्कत हो तो हम चले। ग्राम पंचायत चुनाव की बयार के चलते कुछ इसी तरह की गूंज गांव की गलियो में सुबह से लेकर शाम तक गूंजने लगी है। मैदान में उतरने वाला इस खेल का हर खिलाड़ी ऐसा कोई भी मौका चूकना नहीं चाहता जिससे वह कमजोर साबित हो। बताते चले कि ग्राम पंचायत चुनाव का बुखार लोगो में इस कदर सिर चढ़कर बोल रहा है कि उसका मारा हर एक व्यक्ति जो कल तक गरीबो एवं असहायों से दूरिया बनाकर चलता था। वह आज इन लोगो की चैखट पर नाक रगड़ रहा है। वही इस बार मतदाता भी काफी चतुर दिखाई दे रहा है। ऐसा लगता है कि काफी नाप जोख करने के बाद ही अपना जनप्रतिनिधि चुनेगी। वैसे तो पंचायत चुनाव को लेकर काफी पहले से ही गांवो में चैपाल लगने लगी थी। चुनाव के आखाड़े में उतरने को आतुर हर पहलवान सुबह ही अपने साथियों के साथ संज संवरकर मतदाताओं से मिलने निकल पड़ता था। चुनाव की तिथि घोषित होने तथा नामांकन प्रक्रिया सम्पन्न होने के साथ ही उम्मीदवारों की चहलकदमी बढ़ गई है। अभी तक लोग आरक्षण को लेकर असमंजस में थे। अब स्थिति भी पूरी तरह साफ हो चुकी है। अब उम्मीदवार मतदाता को अपने पक्ष में करने के लिए रिश्ते बनाने की कोशिश में जुट गया है। इसके चलते हर वह व्यक्ति जिसे कल तक पहचानता नहीं था। आज उनके भाई चाचा, काका, ताउ काकी, भाभी बहू, बेटा बनकर लुभाने का प्रयास कर रहा है। उनको तो बस यह चिन्ता सता रही है कि किस तरह से गरीबो एवं असहायों ी सेवा करके उनका सबसे बड़ा हितैषी साबित हो सके। उम्मीदवारों में चुनावी बुखार इस कदर हाबी है कि वह मतदाताओ की चैखट पर सुबह होते ही पहुंच जाता है। वही ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार अपने घरो की परेशानियां व दुख दर्द भूलकर मतदाताओ के दुख दर्द को अपना मान बैठे है।

 

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