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विद्या भारती काशी प्रान्त के तीन दिवसीय संगीत वर्ग का समापन

संगीत मनुष्य के अन्दर सहजता, सज्जनता और मानवीय गुणों का विकास करती हैः डॉ 0 रघुराज सिंह
मानव जीवन की सुकुमार कल्पना ही संगीत हैः  विनोद द्विवेदी
प्रयागराज। प्रो0 राजेन्द्र सिंह ( रज्जू भैया ) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी सरस्वती शिशु मंदिर सिविल लाइन्स में काशी प्रान्त  के तीन दिवसीय संगीत वर्ग का समापन आज विद्यालय के विशाल सभागार में संपन्न हुआ । कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पार्चन एवं वंदना से हुआ। समापन कार्यक्रम के प्रथम सत्र मे भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उ0 प्र0 एवं पूर्व प्राचार्य हण्डिया पीजी कालेज डॉ रघुराज सिंह ने कहा कि संगीत मनुष्य के अन्दर सहजता, सज्जनता और मानवीय गुणों का विकास करती है, जिस व्यक्ति के अन्दर साहित्य व संगीत के प्रति अनुराग नही वह पूंछ कटे पशु के समान है । शिक्षा केवल विषयगत ज्ञान देती है और अगर संगीत जुड जाए तो उसमे मानवीय गुणों का समावेश हो जाता है। शिक्षा और संगीत अगर एक दूसरे के पूरक बन जाए तो और भी महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि आत्मा और परमात्मा का मिलन भी बिना संगीत के संम्भव नही है।
कार्यक्रम का समापन भरत जी द्वारा प्रस्तुत एकल गीत “है वही पुरुषार्थी जो धर्म पथ चलता रहे” तथा समस्त प्रतिभागियों के द्वारा वन्देमातरम् के सस्वर गायन से हुआ । कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न कराने में सह मीडिया प्रमुख दिनेश चन्द्र गुप्ता, ब्रह्मनारायण तिवारी, श्रद्धानन्द, रवीन्द्र शुक्ल, नरेद्र पाण्डेय, ब्रह्मनारायण शुक्ल, नेहा, स्वाती त्रिपाठी आदि का विशेष योगदान रहा आभार ज्ञापन प्रान्त संगीत प्रमुख रोली श्रीवास्तव ने एवं कार्यक्रम का संचालन सह प्रान्त प्रमुख रामजी मिश्र ने किया।
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