चरित्र ही मानव की सबसे बड़ी पूंजी: पंकज महाराज
आध्यात्मिक जन जागरण यात्रा के आगमन पर भव्य स्वागत
मानधाता (नि.सं.)। अच्छे समाज के निर्माण और आत्माओ के कल्याण के उद्देश्य से 21 अक्टूबर को मथुरा से निकली बाबा पंकज जी महाराज की शाकाहार सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा ने गत रात्रि में आरडीआरपीजी कालेज अहिना मानधाता में पड़ाव किया। जनजागरण धर्म यात्रा के पहुंचने पर यहां भव्य स्वागत किया गया। कालेज प्रांगण में आयोजित सत्संग समारोह में प्रवचन करते हुए पंकज महाराज ने मनुष्य शरीर की प्राप्ति को अमोलकर बताया क्योकि इसमें प्रभु के पास जाने का दरवाजा है जिसका भेद संत महात्मा ही जानते है। सारी आत्माये प्रभु के देश से शब्द की डोरी से उतार कर लाई गई अब शब्द का आधार छूट गया। हमे यह ज्ञान नहीं रहा कि हम कहा से आये? मृत्यु के बाद कहां जायेंगे? जिनका शरीर छूट रहा है वह कहा जा रहे है। यह गूढ़ भेद है। इस प्रश्न का हल तब तक नहीं होगा जब तक पूर्णगति को प्राप्त संत सतगुरू न मिल जाये। यह आत्मा परमात्मा का गूढ़ आध्यात्मिक विज्ञान है। महाराज ने समाज में बढ़ते मांसाहार व नशो के सेवन की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। इतने शिक्षित समाज में हिंसा और अपराध का प्रभाव बढ़ रहा है इसलिए अच्छे समाज के निर्माण की आवश्यकता है। चरित्र मानव की सबसे बड़ी पूंजी है। सबसे पहले चरित्र जैसे धन की पूंजी इकट्ठा करे। मानवतावादी बने। उन्होने आगामी 11 से 15 दिसम्बर तक जयगुरूदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल महाराज दादा गुरू जी के 73वें वार्षिक भंडारा सत्संग मेला में पधार कर दया, दुआ, आशीर्वाद पाने का सहृदय निमंत्रण दिया। इस अवसर पर जिला संगत प्रतापगढ़ के अध्यक्ष सूर्यबली सिंह, प्रबंधक आनन्द गोपाल सिंह, कुंदन सिंह, डा. अजय श्रीवास्तव, वीरेन्द्र यादव, आनन्द चैधरी, सौरभ यादव, राजेश यादव, इन्द्रपाल यादव आदि उपस्थित रहे। सत्संग के बाद धर्म यात्रा अपने अगले कार्यक्रम मादूपुर की बाग निकट मोहनगंज के लिए प्रस्थान कर गई।