शिक्षक की हत्या के दो अभियुक्तो को फांसी एवं पांच को उम्र कैद
बेटी से जबरन शादी न करने पर मारी थी गोली
प्रतापगढ़ (ब्यूरो)। अपर सत्र न्यायाधीश पास्को कोर्ट के पंकज कुमार श्रीवास्तव ने शिक्षक की गोली मारकर नृशंस हत्या करने के मामले में अभियुक्तो राजेश सिंह पुत्र राधेश्याम सिंह निवासी गांव सेतापुर थाना अंतू एवं नौशाद उर्फ डीएम पुत्र शमशेर उर्फ शेर अली निवासी सराय कला थाना लालगंज को फांसी की सजा तथा प्रत्येक को दो लाख रूपए जुर्माने से दण्डित किया। साथ ही शेष अभियुक्तो प्रदीप सिंह पुत्र सूर्य नारायण सिंह निवासी अजीत नगर ठकुरइया थाना नगर कोतवाली, अशोक मिश्रा पुत्र लालकृष्ण मिश्रा, निवासी पड़ाव नगर कोतवाली, अरूण कुमार सिंह पुत्र अमर जीत सिंह निवासी बरिया समुद्र थाना अंतू, प्रमोद तिवारी उर्फ लोटा तिवारी पुत्र रामलौट तिवारी निवासी बरिया समुद्र थाना अंतू तथा अनुज कुमार दुबे पुत्र राम विशाल दुबे निवासी गांव सांगीपुर थाना लालगंज को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को 2 लाख 70 हजार रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया। दण्ड की धनराशि मृतक शोभनाथ मिश्रा के उत्तराधिकारी को प्रदान की जाएगी। इसके अलावा फांसी की सजा पाए अभियुक्तो राजेश सिंह एवं नौशाद को धारा 324, 452, 147, 148 एवं 3/25 शस्त्र अधिनियम के तहत 7 वर्ष का कारावास तथा दोनो को 5 लाख 50 हजार अर्थदण्ड से दण्डित किया। अभियोजन पत्र के अनुसार घटना 14 जुलाई 2012 को रात्रि 9 बजे की है। वादिनी विद्या मिश्रा ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि मेरे पति शोभनाथ मिश्रा प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष थे। अभियुक्त राजेश सिंह मेरी बेटी पूजा से जबरन शादी करना चाहता था। इसका विरोध पति शोभनाथ मिश्र व बेटी करती थी। उसी कारण मेरे पति की कई बार घेराबंदी हुई थी। इसके बावजूद लड़की का मामला होने के कारण कही शिकायत नहीं किया था। घटना के दिन मेरे पति एवं मेरी बेटी घर के बरामदे में बैठकर बाते कर रहे थे। साथ ही बल्ब भी जल रहा था। उसी समय राजेश सिंह, प्रदीप सिंह, अशोक कुमार अपने अपने हाथ में तमंचा लिए हुए घर में घुस गए। राजेश ने पति से कहा कि आज जिन्दा नहीं छोड़ेंगे। उसने पति की गर्दन पर तमंचा सटाकर गोली मार दिया। अन्य लोगो ने भी पति पर तमंचे से फायर किया। साथ ही बाहर से आ रहे हकीम अंसारी को भी गोली लगी। इसके बाद अभियुक्त जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए थे। अस्पताल ले जाते समय पति की मौत रास्ते में ही हो गई। मामले की सुनवाई के पश्चात अभियुक्तो पर अपराध सिद्ध होने पर न्यायाधीश ने सजा दी। मुकदमे की पैरवी शासकीय अधिवक्ता योगेश कुमार शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता अनिल मिश्रा एवं वादिनी के अधिवक्ता अश्विनी कुमार पांडेय ने की। उनके तर्को को सुनने के बाद अभियुक्तो को सजा दी गई।